कौन विरोध करता है मेरी बात का
Tuesday, September 28, 2010
Unity and Humanity ईश्वर एक है, धरती है, कौन विरोध करता है मेरी बात का -Ejaz
कश्मीर को लेकर गैरमुसलिम समाज आमतौर पर भ्रमित है,रियासत जम्मू एंड कश्मीर के जो मुस्लमान नेता अलगाववादी आन्दोलन चला रहे हैं ,उसे शेष भारत के मुसलमानों का कोई समर्थन प्राप्त नहीं है यही वजह है कि शेष भारत से कोई भी मुस्लमान उनके सशस्त्र आन्दोलन में आज तक शरीक नहीं हुआ। उनके अलगाववादी आन्दोलन के बारे में सवाल उन कश्मीरी लेखकों से पूछा जाना चाहिए जो कि अलगाववाद के समर्थक हैं न कि हर एक भारतीय मुस्लमान से । कश्मीर से हिन्दुओं को भगाए जाने का सवाल कश्मीरियों से पूछिए क्योंकि कश्मीर को अलग करने की मांग को हम नाजायज़ मानते हैं क्योंकि तोड़ना नाजायज़ और जोड़ना इस्लाम में वाजिब है हम तो चाहते हैं की बंगलादेश और पाकिस्तान भी जुड़ें और देश भी ताकि साड़ी धरती 'एक' हो जाये सारी धरती हमारी माँ है इसलिए हम भारत को माता नहीं कहते, जो भारत को माता कहते हैं वे धरती का विभाजन स्वीकार करते हैं. जबकि हम इसे अस्वीकार करते हैं. ईश्वर एक है, धरती एक है, इसलिए सारी मानव जाती को भी अब एक हो जाना चाहिए.
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9 टिप्पणियाँ:
ठीक है,सारी धरती तुम्हारी माँ है।
उसे वंदन तो कर दो,फ़िर देखते है तुमहारा कहां विरोध करना है।
आपने सच कहा और बहुत कम लफ़्ज़ों में कहा , अच्छा लगा , सच अब सबके सामने आना चाहिए .धन्यवाद
हम उसकी वंदना करते हैं जिसकी वंदना धरती और सारे धरतीवासी करते हैं आप भी उसी की वंदना कीजिये .
24 कैरट सही बात ईश्वर एक है, धरती एक है
nice post
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इजाज़ हक जी ,
सुन्दर लेख है आपका। दो बातें कहना चाहूंगी --
* एक तो कश्मीर के मुसलामानों के अलगाववादी रुख के लिए , समस्त भारत के मुस्लिम जिम्मेदार नहीं हैं।
* दुसरे सिर्फ भारत ही हमारी माता है।
* मानवता के नाते , निसंदेह पूरी धरती एक है।
..
कश्मीर के मुसलामानों के अलगाववादी रुख के लिए , समस्त भारत के मुस्लिम जिम्मेदार नहीं हैं।
मानवता के नाते , निसंदेह पूरी धरती एक है।
nice post
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